हिंदी बालगीत: बच्चों को नैतिक पाठ सिखाने के लिए नैतिक शिक्षा की कहानियाँ लिखि गई है. इसी तरह बच्चों को सुलाने के लिए, भाषा ज्ञान जल्दी कराने के लिए, उनका मूड सही करने के लिए, कक्षाओं में व्यस्त रखने के लिए, आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए, अभिव्यक्ति व्यक्त करने आदि के लिए बालगीत लिखे गए हैं.
इसलिए, मां-बाप, शिक्षक-शिक्षिका की मदद के लिए हम यहाँ आपके लिए 500 बालगीत मुहैया करा रहे हैं.
#1 दादा दिनकर
नाम है मेरा दादा ‘दिनकर’
चमकता रहता हूँ मैं दिनभर
किरणे मेरी लाती उजाला
दूर करती अधेंरा काला.
#2 तोता
‘तोता’ मेरा सुन्दर नाम
टीं-टीं मेरी मीठी ताल
चोंच है मेरी लाल-लाल
हाथ जोंड़ करो राम-राम
तोता मेरा सुंदर नाम…
#3 घोड़ा
तुगडुक-तुगडुक मेरी चाल
हिन-हिन करके बोलु नाम
पैरों में मैं पहनु नाल
घोडा मेरा सुन्दर नाम
#4 मूसक राजा
नाम है मेरा मूसक राजा
हाथ नहीं किसी के आता
दौड़ लगाता हूँ मैं तेज
पार करूं छलांग से मेज
#5 केला
मीठी-मीठी पीली केला
नाना लाए भरकर थेला
मामा, मामी, नानी आई
मिलकर सबने केला खाई
#6 मदारी आया
गांव में एक मदारी आया
ढोलक, ढपली संग में लाया
ढप-ढप करके हमें बुलाया
सबको अपना खेल दिखाया
#7 ढोलक
डम-डम करता प्यारा ढोलक
शोर मचाये न्यारा ढोलक
तमाशा बड़ा दिखाता है
सबको नाच नचाता हैं
मुन्नी आई, राजु आया
सबने मिलकर ढ़ोल बजाया
#8 कबुतर
थोड़ा काला नीला कबुतर
होता है वो बड़ा चतुर
गुटर-गुटर वो करता है
नील गगन में रहता हैं
छत पर दाना चुगता हैं
आहट सुन झट उड़ता हैं
#9 हाथी राजा
देखो हाथी राजा खड़े
कान है इसके बड़े-बड़े
टांगे चार है मोटी-मोटी
आँखें इसकी बिल्कुल छोटी
लम्बी सूंड हिलाता हैं
अपनी प्यास बुझाता है
#10 मुन्ना राजा
मुन्ना राजा जल्दी उठता
व्यर्थ समय वो नहीं गंवाता
सुबह-सुबह जल्दी से नहाता
लेकर स्कुल बसता जाता
छुट्टी में वो घर को आता
बडे मजे से खाना खाता
#11 गौतम बुद्ध
बहुत पहले एक ज्ञानी आया
उसने सबको यह बतलाया
सबसे बोलो मिठी बोली
खुशियों से भर जाती झोली
विचार बनाओं अपने शुद्ध
नाम है उसका ‘गौतम बुद्ध’
#12 हनुमान
नाम है मेरा वीर हनुमान
शरीर मेरा बड़ा बलवान
जीवन मेरा है सदाचारी
रहा राम का सेवादारी
माता अंजली का हूँ लाल
फुलाकर रखता हमेशा गाल
#13 कृष्ण
माता यशोदा का है लाल
कहते इसको बाल गोपाल
चोर-चोर कर माखन खाया
सबको इसने बड़ा सताया
जीवन इसने सबका साधा
पत्नी इसकी रानी राधा
#14 ज्ञानी
ज्ञानी मानी बुद्धिमानी
कला जीवन की इसने जानी
लम्बे-लम्बे रखता बाल
वस्त्र नहीं है ऊपर खाल
जंगल में ये रहता हैं
सुख से जीवन जीता हैं
#15 रावण
रावण हूँ मैं, रावण हूँ मैं
सबसे बड़ा मैं ब्राह्मण हूँ
राजा बोले मुझको लंका
जग में बजाया मैंने डंका
खाना खाता वाह! वाह! वाह…
हंसता हूँ मैं हा! हा!, हा…
#16 राजाराम
राजा राम है अवतारी
कौशल्या इसकी महतारी
सबको इसने सीख सिखाई
प्राण जाई पर वचन न जाई
बनाता है ये सबके काम
मिलकर बोले ‘जय श्री राम’
#17 गंगा मैया
नाम है मेरा मैया गंगा
करती हूँ मैं सबको चंगा
लम्बी बहुत हैं मेरी धार
बंग्ला, काशी, हरिद्वार
#18 दादा-दादी
घर पर आए दादा-दादी
मुझको लाए खिलौना गाड़ी
बैठा इसमें मेरा परिवार
मिलकर गए हम सभी बाजार
#19 स्कूल
स्कुल हैं मेरा दूजा घर
लगता नहीं हैं इसमें डर
सुबह-सुबह होती है विनती
मिलकर सीखे अक्षर गिनती
#20 तिरंगा झंड़ा
यह हैं अपना तिरगां झण्ड़ा
लगा होता इसमें एक डण्डा
तीन रंग इसकी पहचान
हरा, सफेद, केसरीया शान
24 तिल्लियों का बीच में पहिया
‘अशोक चक्र’ नाम है भैया
#21 मेरा सपना
मेरा एक सपना हैं
पायलट मुझको बनना है
विमान मैं उड़ाऊँगा
सब को मैं बैठाऊँगा
नील गगन ले जाऊंगा
बड़े मजे चखाऊंगा
#22 आसमान में दिखते तारें
आसमान में दिखते तारे
टिम-टिम, टिम-टिम करते तारें
रात हुई लो चमके तारे
हुई सुबह तो बिछड़े तारे
हिरे जैसे चमके तारे
आसमान में दिखते तारे
#23 सड़क
मैं हूँ बच्चों एक सड़क
अन्दर से मैं बहुत कड़क
होती हूँ मैं लम्बी चौड़ी
जाती मुझ पर मोटर दौड़ी
जाना होता चलना बांए
वापस आना होकर दांए
#24 गुड़िया रानी
घर पर आई मेरी नानी
मुझे सुनाई एक कहानी
एक थी सुन्दर गुड़िया रानी
पढ़ने कि थी उसने ठानी
सुबह-सुबह थी पढ़ने जाती
आकर घर पर खाना खाती
#25 राष्ट्रगान
‘राष्ट्रगान’ है जन गण मन
मिलकर बोले इसको सबजन
रविन्द्र नाथ ने इसे बनाया
मिठी धुन से इसे सजाया
सावधान में इसको गाते
52 सैकण्ड़ समय लगाते
#26 पेड़
हरा-भरा होता है पेड़
जंगल में है इसका ढेर
वर्षा-धूप ये सहता है
मीठे फल ये देता है
ठण्डी हवा चलाता है
मीठी नींद सुलाता है
#27 रेल
रेल है अपनी कितनी प्यारी
लगती है दूनिया से न्यारी
छुक-छुक, छुक-छुक चलती हैं
सिटी पों – पों बजती हैं
स्टेशन घर है कितना सुन्दर
साधन नहीं है ऐसा धुरन्दर
#28 वर्षा रानी
वर्षा रानी जब तु आती
ताल-तलैया भरकर जाती
धरती पर छाई हरियाली
फुलों से भर आई डाली
सावन मैं जब झूला-झूले
घर आँगन में खुशियाँ डोले
#29 मोर
‘राष्ट्रपक्षी हैं अपना मोर
पीऊ-पीऊ मचाएं शोर
रंग हैं इसका गहरा नीला
लगता है ये भोला भाला
पंख बड़ी अपनी फैलाता
करके सबको नाच दिखाता
#30 रुपया
रूपया बोला मुझसे आकर
मजे उड़ाना मुझको पाकर
हल्वा, पूड़ी रोज बनाना
मिलकर सब तुम इनको खाना
पाना हैं गर रूपया तुमको
मेहनत करना जाकर दिनको
#31 सर्दी आई
ठण्ड़ी-ठण्ड़ी सर्दी आई
लेलो अपनी सभी रजाई
अछु-अछु नाक बोलती
नहीं किसी को ठण्ड़ छोड़ती
छुटकारा हैं इससे पाना
गरम-गरम तुम आग जलाना
#32 गर्मी का मौसम
मौसम अब गरमी का आया
आसमान में सूरज छाया
लगती सबको गरम-गरम
खाएं आईसक्रीम नरम-नरम
इसमें आता बहुत पसीना
ठण्ड़ा-ठण्ड़ा पानी पीना
#33 पंखा चलता
पंखा ऊपर चलता छत पर
इसके नीचे मेरा बिस्तर
बिजली से है पंखा चलता
शोर नही बिल्कुल भी करता
ठण्डी-ठण्डी हवा ये देता
मुझको गहरी नींद सूलाता
#34 तरबूज गोल मटोल
तरबूज बड़ा है गोल मटोल
लाई मम्मी इसको मोल
रंग बाहर से इसका हरा
अन्दर काला बीज भरा
थोड़ा काटकर मैंने खाया
लगता है ये मीठा भाया
#35 ऊँट
मिलकर देखा हमने ऊँट
कमर पर लटके छोटी पूँछ
छोटे-छोटे दो कान निराले
देखी लम्बी गर्दन हिलाते
चार टांगे पतली-पतली
लेट मचाई रेत में मचली
करता है ये बहूत काज
कहलाता है रेत जहाज
#36 काली स्लेट
यह है मेरी काली स्लेट
लगती है ये एक प्लेट
क, ख, ग, घ इस पर लिखते
मिलकर A B C D सीखते
यही है मेरी पहली किताब
इसी पर करती जोड़ हिसाब
#37 पुन्नु कुत्ता
मेरा पुन्नू कुत्ता प्यारा
भूरा काला रंग है न्यारा
छोटी आँखें लगती सुन्दर
पुन्नू मेरा बड़ा धुरन्दर
भूख लगी जब पूछ हिलाता
सबके मन को पुन्नू भाता
#38 हवाई जहाज
हवाई जहाज है बहुत बड़ा
अपने घर अड्डे पर खड़ा
चिड़िया जैसी पंख है प्यारे
लगे हुए कई पहिये न्यारे
आसमान में उड़ता हैं
दूर जगत ले जाता हें
#39 चंदा मामा
चन्दा मामा बड़ा सफेद
बादल रखते इसको कैद
रात चाँदनी चमकाता है
कला न्यारी दिखलाता है
होता अंधेरा आ जाता है
सुबह सवेरे छिप जाता है
#40 मच्छर
मच्छर कितना छोटा हैं
काम इसका खोटा है
सबको सुईं लगाता हैं
अपनी भूख मिटाता हैं
कान पे आकर गाना गाए
हवा में उड़कर हमे सताए
#41 गौमाता
‘गौमाता’ है अपनी गाय
सबके मन को ये भाजाए
दिखती हे ये भोली-भाली
आखें मोटी काली-काली
नहीं किसी को कभी सताती
सबको अपना दूध पिलाती
#42 नीला अम्बर
मेरे ऊपर नीला अम्बर
लगता मुझको बड़ा ही सुन्दर
दिन में सूरज चमकाता है
रात तारों से भरजाता हैं
काले-काले बादल लाता
वर्षारानी को बरसाता
#43 सुरमी
मेरी सुरमी लम्बी गोल
मुन्ना अपनी काॅपी खोल
काला-काला लिखती है
बड़ी ही सुन्दर दिखती है
कटर से लगता इसको डर
बस्ता इसका प्यारा घर
*कटर – शॉर्पनर को आम बोलचाल में कटर भी बोला जाता है.
#44 अपना भारत
भारत मेरा देश महान
हम सब की है यह पहचान
खड़ा हिमालय शीश तान
हम सबका है यह अभिमान
#45 होली
देखो-देखो आई होली
मटकी रंग की सबने घोली
मुन्ना लाया रंग गुलाल
नाचे गाएं करें धमाल
#46 आम रसीला
‘राष्ट्रफल’ हैं अपना आम
बिकता है ये शहर और गांव
रंग इसका है पीला-पीला
खाने में लगता बड़ा रसाीला
#47 मेरा परिवार
देखो मेरा बड़ा परिवार
दादा-दादी का मिलता प्यार
चाचा-चाची, ताऊ-ताई
मिलकर रहते सारे भाई
दीदी भैया, प्यारी बूआ
मिलकर देते मुझको दूआ
#48 मेरे पापा
पापा मेरे सबसे आला
लगते हैं दुनिया से निराला
सुबह-सुबह दफ्तर को जाते
हुई शाम ये घर को आते
टाॅफी चाॅकलेट मुझको लाते
बड़े मजे से मिलकर खाते
#49 आसमान में तारें
आसमान में रहते तारें
टिम-टिम, टिम-टिम करते तारे
रात हुई लो चमके तारें
हुई सुबह तो बिछड़े तारे
हीरें जैसे दिखते तारें
आसमान में रहते तारें
#50 चारपाई
कितनी सुन्दर चारपाई
इसको मेरी मम्मी लाई
दूजा इसका नाम है खाट
घड़ी में बज गये पूरे आठ
पुन्नू ने अपना खाना खाया
खाट पे जाकर बिस्तर लगाया
हुई सुबह मम्मी ने जगाया
बस्ता लेकर स्कुल भगाया
#51 एक दो तीन चार
एक, दो, तीन, चार
रोटी, सब्जी और अचार
पाँच, छः, सात, आठ
मिलकर ऊपर बैठे खाट
बोलो बच्चो नौ और दस
भर गया पेट हमारा बस
#52 जंगल का राजा
शेर है जंगल का राजा
खाता मांस ताजा-ताजा
पकड़ता है हिरण खरगोश
बंदर देख खोता होश
गर्जन इसकी दहाड़ है
गुंजें जंगल पहाड़ है
#53 कोयल काली
कोयल काली सबसे प्यारी
लगती है चिड़िया से न्यारी
बोले इसको हम सब रानी
मिठी इसकी सुन्दर बानी
#54 मेरी साईकिल
साईकिल मेरी पहली सवारी
लगती नहीं तनिक भी भारी
आगे-पीछे पहियें इसमें
गद्दी बीच में बैठे जिसपे
अच्छी तरह से इसे सजाया
बैठ गद्दी पर पैडल लगाया
ट्रिल-ट्रिल मैंने घण्टी बजाई
बड़े मजे से साईकिल चलाई
#55 चिड़िया
चीचीं करती आई चिड़िया
उड़ती-उड़ती आई चिड़िया
सुबह सवेरे आती चिड़िया
हमें जगाके जाती चिड़िया