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स्टीव जॉब्स की जीवन बदल देने वाली स्पीच – Steve Jobs Stanford University Speech in Hindi

स्टीव जॉब का नाम सुनते ही दिमाग में आईफोन का चित्र घूमने लगता है. क्योंकि, इसी जिनियस के दिमाग की उपज है आईफोन. दुनिया में अन्य कंपनियों के फोन तो स्मार्टफोन कहलाते हैं मगर एप्पल के स्मार्टफोन आईफोन के नाम से जाने जाते है.

मगर, मैं यहाँ आपको एप्पल, आईफोन या एप्पल के प्रोडक्ट्स के बारे में कुछ भी नही बताने वाला हूँ. बल्कि मैं आपको एप्पल बनाने वाले स्टीव जॉब्स की Stay Hungry Stay Foolish स्पीच को सुनाऊँगा. यह स्पीच स्टैनफॉर्ड युनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में 15 जून 2005 को मूलत: अंग्रेजी भाषा में दी गई थी. इस स्पीच को सुनकर आपके जीवन के बहुत से सवालों के जवाब स्वत: मिल जाएंगे. यह स्पीच आपके संदर पॉजिटिव ऊर्जा का प्रसार करेगी और आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए सतत प्रेरित करेगी.

इस स्पीच को मोटिवेशनल गुरु संदीप महेश्वरी भी सुनने के लिए कह चुके हैं. तो आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि आप क्या सुनने जा रहे हैं.

तो हो जाइए तैयार दुनिया की सबसे बेहतरीन स्पीच सुनने के लिए…

Steve Jobs Stanford Speech in Hindi

धन्यवाद! आज विश्व के सबसे बहेतरीन विश्वविद्यालयों (Universities) में से एक के दीक्षांत समारोह (convocation ceremony) में उपस्थित होने पर मैं स्वयं को बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहा हूँ. मैं आपको एक सच बताना चाहता हूँ कि मैं कभी किसी कॉलेज से पास नहीं हुआ और आज पहली बार मैं किसी कॉलेज ग्रेजुएशन समारोह के इतने पास पहुँचा हूँ. आज मैं आपको अपने जीवन की तीन कहानियाँ सुनाना चाहता हूँ. बहुत ज्यादा नहीं बस तीन कहानियां…

पहली कहानी dots कनेक्ट करने के विषय में है

Reed College में प्रवेश (admission) लेने के 6 महीने के अंदर ही मैंने पढाई छोड़ दी. लेकिन, मैं उसके 18 महीने बाद तक वहाँ किसी तरह आता-जाता रहा.

तो प्रश्न यह है कि मैंने कॉलेज क्यों छोड़ा?

असल में इसकी शुरुआत मेरे जन्म से पहले की है.

मेरी जन्म देने वाली माता एक यंग अविवाहित ग्रेजुएट छात्रा थी और वह मुझे किसी और को गोद लेने (adoption) के लिए देना चाहती थी. लेकिन, उनकी यह इच्छा थी कि कोई कॉलेज ग्रेजुएट ही मुझे अडोप्ट करें. इस प्रकार सबकुछ set था और मैं एक वकील और उसकी पत्नि के द्वारा अडोप्ट किया जाने वाला था कि अचानक उन्होंने अपना विचार बदल दिया और निर्णय लिया कि असल में उन्हें एक लड़की चाहिए.

इसलिए, तब आधी-रात को मेरे माता-पिता, जो तब वेटिंग लिस्ट में थे, को कॉल करके बताया गया कि “हमारे पास एक बेबी-बॉय है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?” और उन्होंने तुरन्त हाँ कर दी.

बाद में मेरी जन्म देने वाली माता को पता चला कि मेरी माता कॉलेज से ग्रेजुएट नहीं हैं और पिता तो हाई-स्कूल भी पास नहीं हैं. इसलिए उन्होंने अंतिम adoption पेपर साइन करने से मना कर दिया. लेकिन, कुछ महीनों के बाद मेरे होने वाले माता-पिता के मुझे कॉलेज भेजने के वायदा देने के कारण वह मान गयीं.

इस प्रकार मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई।. और 17 वर्ष बाद मैं college गया. लेकिन, गलती से मैंने Stanford जैसा ही महँगा कॉलेज चुन लिया. मेरे वर्किंग-क्लास माता-पिता की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में खर्च होने लगी.

6 महीने बाद मुझे इस पढाई का कोई महत्व दिखाई नहीं दिया. मुझे कोई आईडिया नहीं था कि मैं अपनी जिन्दगी में क्या करना चाहता हूँ और कोई आईडिया नहीं था कि कॉलेज किस तरह मुझे इसमें मदद करेगा और यहाँ मैं अपने माता-पिता की जीवन भर कि जमा-पूँजी खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज drop-out करने का निर्णय लिया और यही विचार किया जो भी होगा अच्छा होगा.

उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए बहुत डरावना था. लेकिन, जब मैं बीते हुए समय में देखता हूँ तो मुझे लगता है. यह मेरी जिन्दगी का सबसे अच्छा फैंसला था.

जैसे ही मैंने कॉलेज drop-out किया तो मुझे जिन classes में interest नहीं था तो मैंने उन्हें करना छोड़ दिया और मैं केवल अपने interest की ही classes करने लगा. ये सब कुछ इतना आसान नहीं था. मेरे पास रहने के लिए कोई कमरा भी नहीं था. इसलिए, मुझे दोस्तों के कमरों में जमीन पर सोना पड़ता था. मैं कोक की बोतलों को लौटाकर मिलने वाले पैसों से खाना खाता था. मैं प्रत्येक रविवार रात को 7 मील पैदल चलकर हरे कृष्णा मन्दिर जाता था. जिससे कि सप्ताह में कम से कम एक दिन पेट भर कर खाना खा सकूं. यह करना मुझे अच्छा लगता था.

मैंने अपने जीवन में जो भी अपनी जिज्ञासा और intuition की वजह से किया वह बाद में मेरे लिए अनमोल साबित हुआ।

इसे मैं एक Example के द्वारा बताता हूँ –

शायद उस समय Reed College देश की सबसे अच्छी जगह थी जहाँ कैलीग्राफी (Calligraphy‌‌) सिखाई जाती थी. पूरे कॉलेज परिसर में हर एक पोस्टर, हर एक लेबल बहुत ही खूबसूरती से हांथों से कैलीग्राफ किया जाता था.

क्योंकि मैं कॉलेज छोड़ चुका था. इसलिए, मुझे सामान्य classes करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. तो मैंने निर्णय लिया कि मैं कैलीग्राफी की classes करूँगा और इसे अच्छी तरह से सीखूंगा. मैंने serif और sans-serif type-faces के बारे में सीखा, अलग-अलग अक्षरों के बीच में space vary करना सीखा और किसी अच्छी typography को क्या अच्छा बनाती है, यह भी सीखा. यह खूबसूरत था, ऐतिहासिक था, इतना artistic था कि इसे विज्ञान द्वारा capture नहीं किया जा सकता था और यह मुझे बहुत ही आकर्षक लगता था.

उस समय ऐसा कोई भी विचार नहीं था कि मैं इन चीजों का प्रयोग कभी अपने जीवन में करूँगा. लेकिन जब दस साल बाद हम पहला Macintosh Computer बना रहे थे, तब मैंने इसे Mac में design कर दिया. और यह खूबसूरत typography वाला विश्व का पहला कम्प्यूटर बन गया.

अगर, मैंने college में केवल कैलीग्राफी में ही प्रवेश नहीं लिया होता तो Mac में कभी multiple-typefaces या proportionally spaced fonts नहीं होते.

और क्योंकि Windows ने Mac की copy की थी तो किसी भी पर्सनल कम्प्यूटर में यह सब नहीं होता. अगर मैंने कभी drop-out ही नहीं किया होता तो मैं कभी कैलीग्राफी की वो classes नहीं कर पाता और फिर शायद पर्सनल कम्प्यूटर में जो फॉन्टस होते हैं, वो होते ही नहीं.

अवश्य ही, जब मैं कॉलेज में था तो भविष्य में देख कर इन dots को कनेक्ट करना असम्भव था. लेकिन, दस साल बाद जब मैं बीते हुए समय में देखता हूँ तो सब कुछ बिलकुल स्पष्ट नजर आता है.

आप कभी भी भविष्य को देखकर dots कनेक्ट नहीं कर सकते हैं. आप केवल पीछे देखकर ही dots कनेक्ट कर सकते हैं. इसलिए आपको विश्वास करना होगा की अभी जो भी हो रहा है वह आगे चल कर किसी न किसी तरह आपके फ्यूचर से कनेक्ट हो जायेगा.

आपको किसी न किसी में विश्ववास करना ही होगा, अपने guts में, अपने भाग्य पर, अपने जीवन पर, अपने कर्म में या किसी न किसी चीज में विश्वास करना ही होगा. क्योंकि इस बात में विश्वास रखना कि आगे चल कर dots कनेक्ट होंगे आपको अपने दिल की आवाज सुनने की हिम्मत देगा उस समय भी जब आप बिलकुल अलग रास्ते पर चल रहे होंगे और यही बात आपको अन्य लोगों से अलग बनायेंगी.

मेरी दूसरी कहानी love और loss के विषय में है

मैं भाग्यशाली था. मैं जिस चीज से प्यार करता था. वह मुझे जल्द ही मिल गयी. Woz और मैंने अपने पिता के गैराज से Apple शरू की तब मैं 20 वर्ष का था. हमने बहुत मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़ कर $2 बिलियन  और 4000 लोगों की कम्पनी हो गयी.

हमने अभी एक साल पहले ही हमारी बेहतरीन रचना Macintosh रिलीज की और मैं तीस का हो गया था और मुझे कम्पनी से निकाल दिया गया.

आप अपनी बनायी हुई कम्पनी से कैसे निकाले जा सकते हैं?

जैसे-जैसे Apple ग्रो करने लगी, हमने एक ऐसे बुद्धिमान आदमी को hire किया, जिसे मैंने सोचा कि वो मेरे साथ मिलकर कम्पनी आगे बढ़ायेगा. पहले एक साल सब-कुछ ठीक चला. लेकिन, फिर कम्पनी के फ्यूचर विजन को लेकर हम दोनों में विवाद होने लगे. बात ‘बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर’ तक पहुँच गयी और उन लोगों ने उसका साथ दिया.

इस प्रकार 30 वर्ष की आयु में मुझे निकाल दिया गया और पब्लिकली भी निकाल दिया गया. जो मेरी पूरी adult life का फोकस था. वह अब खत्म हो चुका था और यह पूरी तरह से ही बर्बाद करने वाला था. मुझे वास्तव में अगले कुछ महीनों तक समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं.

मुझे लगा कि ये सबकुछ इतनी आसानी से स्वीकार करके मैंने अपने पहले कि पीढ़ी के उद्योगपतियों को नीचा दिखाया है. मैं David Packard और Bob Noyce से मिला और सबकुछ ऐसे हो जाने पर उनसे माफी मांगी.

मैं एक बहुत बड़ा पब्लिक फेलियर था, एक बार तो मैंने valley छोड़ कर जाने की भी सोची. पर धीरे-धीरे मुझे अहसास हुआ कि मैं जो काम करता हूँ, उसके लिए मैं अभी भी उत्साहित (passionate) हूँ. Apple में जो कुछ हुआ उसकी वजह से मेरे पैशन में थोड़ी सी भी कमी नहीं आई है.

मुझे अस्वीकार कर दिया गया था. फिर भी अब भी मैं अपने काम से प्यार करता हूँ. इसलिए मैंने एक बार फिर से शुरुआत करने की सोची. मैं तब यह देख नहीं पाया था. लेकिन, अब मुझे लगता है कि Apple से निकाले जाने से अच्छा मेरे साथ कुछ हो ही नहीं सकता था. सफल होने का बोझ अब बिगिनर (beginner) होने के हल्केपन में बदल चुका था, मैं एक बार फिर से खुद को बहुत हल्का महसूस कर रहा था.

इस आजादी की वज़ह से मैं अपने जीवन की सबसे क्रिएटिव पीरियड में जा सका.

अगले पांच सालों में मैंने एक कम्पनी NeXT और एक दूसरी कंपनी Pixar शुरु की और इसी दौरान मैं एक बहुत ही अद्भुत महिला से मिला, जो आगे चलकर मेरी पत्नि बनी. Pixar ने विश्व की पहली कम्प्यूटर एनिमेटिड मूवी “Toy Story”  बनायीं और इस समय यह विश्व का सबसे सफल एनिमेशन स्टूडियो है. Apple ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए NeXT को खरीद लिया और मैं Apple में फिर से चला गया. आज Apple, NeXT द्वारा विकसित की गयी तकनीक प्रयोग करती है.

अब Lorene और मेरा एक सुन्दर सा परिवार है. मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर मुझे Apple से नहीं निकाला गया होता तो मेरे साथ यह सब-कुछ नहीं होता. यह एक कड़वी दवा थी लेकिन मेरे विचार में मरीज को इसकी ज़रूरत थी.

कभीकभी जिंदगी आपको इसी तरह ठोकर मारती है. अपना विश्वास मत खोइए. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मैं सिर्फ इसलिए आगे बढ़ता गया क्योंकि मैं अपने काम से प्यार करता था.

आप वास्तव में क्या करना पसंद करते हैं यह आपको जानना होगा, जितना अपने प्यार को जानना जरूरी है, उतना ही उस काम को खोजना भी जरूरी जिसे आप सच में enjoy करते हों आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा और वास्तिविक रुप से संतुष्ट होने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जिसे आप वास्तव में एक बड़ा काम समझते हों और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जो करना आप पसंद करते हों.

यदि आपको अभी तक वो काम नहीं मिला है तो आप रूकिये मत, उसे खोजते रहिये. जैसा कि दिल से जुड़ी हर एक चीज में होता है, वो जब आपको मिलेगी तब आपको पता चल जायेगा और जैसा की किसी अच्छी रिलेशनशिप में होता है वो समय के साथसाथ और भी अच्छी होती जायेगी. इसलिए खोजते रहिये, रूकिये मत.

मेरी तीसरी कहानी मृत्यु (death) के विषय में है

जब मैं 17  वर्ष का था तो मैंने एक सुविचार (quote) पढ़ा था, जो कुछ इस तरह था, 

“यदि आप प्रत्येक दिन ऐसे जियें जैसे कि यह आपकी जिंदगी का अंतिम दिन है, तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेंगे.”

 इसने मेरे दिमाग पर एक छाप (Impression) छोड़ दी और तबसे पिछले 33 सालों से, मैंने प्रत्येक सुबह उठ कर शीशे में देखा है और स्वयं से एक सवाल किया है:

अगर आज का दिन मेरी जिंदगी का अंतिम दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो मैं करने वाला हूँ?

और जब भी लगातार कई दिनों तक उत्तर “नहीं” होता है तो मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने की ज़रूरत है. इस बात को याद रखना कि मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपने जीवन के बड़े निर्णय लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है.

क्योंकि जब एक बार मृत्यु के बारे में सोचता हूँ तब सारी अपेक्षाएँ (expectations), सारा गर्व (pride), असफल होने का सारा डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही शेष रह जाता है जो वास्तव में महत्वपूर्ण है.

इस बात को याद रखना कि एक दिन मरना है किसी भी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है. आप पहले से ही नंगे हैं. ऐसा कोई कारण नहीं है कि आप अपने दिल की ना सुनें.

करीब एक साल पहले ही पता चला कि मुझे कैंसर है. सुबह 7:30 बजे मेरा स्कैन हुआ, जिसमें साफ दिखाई दे रहा था कि मेरे अग्न्याशय (pancreas) में ट्यूमर (tumor) है. मुझे तो जानकारी भी नहीं थी कि pancreas क्या होता है.

डॉक्टर ने लगभग पूरे विश्वास के साथ बताया कि मुझे एक ऐसा कैंसर है जिसका उपचार संभव नहीं है, और अब मेरा जीवन केवल 3 से 6 महीने का ही है. डॉक्टर ने मुझे सलाह दी कि मैं घर जाऊं और अपनी सभी चीजें व्यवस्थित कर लूं, जिसका डॉक्टर की भाषा में मतलब था कि “आप मरने की तैयारी कर लीजिए.”

इसका अर्थ है कि आप कोशिश करिये कि आप अपने बच्चों से जो सारी बातें अगले दस साल में करते, वो अगले कुछ ही महीनों में कर लीजिए. इसका तात्पर्य यह हुआ कि आप सब-कुछ सुव्यवस्थित कर लीजिए कि आपके बाद आपके परिवार को कम से कम परेशानी हो. इसका यह अर्थ हुआ कि आप सभी को गुड-बाय कर दीजिए.

मैंने इस डायगनोसिस (diagnosis) के साथ पूरा दिन बिता दिया और शाम को मेरी बायोप्सी (biopsy) हुई जहाँ मेरे मेरे गले के रास्ते, पेट से होते हुए मेरी आँत (intestine) में एक एंडोस्कोप (endoscope) डाला गया और एक सुई से ट्यूमर से कुछ सेल्स (cells) निकाले गए.

मैं तो बेहोश था लेकिन मेरी पत्नि, जो वहाँ उपस्थित थी उसने बताया कि जब डॉक्टर ने माइक्रोस्कोप से मेरे सेल्स देखे तो वह रो पड़ा. क्योंकि सेल्स देखकर डॉक्टर समझ गया कि मुझे एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का पैंनक्रिएटिक कैंसर (pancreatic cancer) है जो कि सर्जरी से ठीक हो सकता है. मेरी सर्जरी हुई और सौभाग्य से अब मैं ठीक हूँ. मृत्यु के इतने पास मैं इससे पहले कभी नहीं पहुंचा और उम्मीद करता हूँ कि अगले कुछ दशकों तक पहुँचूं भी नहीं.

ये सब देखने के बाद मैं और भी विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मृत्यु एक उपयोगी लेकिन विशुद्ध रुप से बौद्धिक संकल्पना (purely intellectual concept) है. कोई भी मरना नहीं चाहता है. यहाँ तक कि जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं वो भी वहाँ जाने के लिए मरना नहीं चाहते है.

फिर भी मृत्यु वह स्थान है जिसे हम सभी शेयर करते हैं. आज तक इससे कोई बचा नहीं है. और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि मृत्यु ही एकमात्र इस जीवन का सबसे बड़ा आविष्कार है. यह जिंदगी को बदलती है, पुराने को समाप्त कर नए का रास्ता खोलती है. और इस समय नए आप हैं. पर ज्यादा नहीं, कुछ ही दिनों में आप भी पुराने हो जायेंगे और रास्ते से साफ हो जायेंगे.

इतना नाटकीय (dramatic) होने के लिए मैं माफी चाहता हूँ लेकिन यह सच है.

आपका समय सीमित है., इसलिए इसे किसी और की जिन्दगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए, अपने जीवन को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज को मत दबाईये. और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अपने दिल और सहजबुद्धि (intuition) की बात सुनने का साहस रखें. वे पहले से ही जानते हैं कि तुम वास्तव में क्या बनना चाहते हो. अन्य सब गौण (secondary) है.

जब मैं छोटा था तब एक अद्भुत पब्लिकेशन “The Whole Earth Catalogue” हुआ करता था, जो कि मेरी पीढ़ी की bibles में से एक था. इसे Stewart Brand नाम के एक व्यक्ति, जो यहाँ  मेलोन पार्क से अधिक दूर नहीं रहते थे, ने इसे अपना काव्यात्मक स्पर्श (poetic touch) दे कर बड़ा ही जीवंत बना दिया था.

ये साठ के दशक की बात है, जब कम्प्यूटर और डेस्कटॉप पब्लिशिंग नहीं हुआ करती थी. पूरी सूची (catalogue) टाइपराइटरों, कैंची और पोलरोइड कैमरों की मदद से बनाया जाता था. वह सब कुछ ऐसा था मानो कि गूगल को एक किताब के रुप में बना दिया गया हो, वो भी गूगल के आने के 35 साल पहले. वह एक आदर्श था, अच्छे टूल्स और महान विचारों से भरा हुआ.

Stewart और उनकी टीम ने “The Whole Earth Catalogue” के अनेक संस्करण (issues) निकाले और अन्त में एक अंतिम संस्करण (final issue) निकाला. यह सत्तर के दशक का मध्य था और तब मैं आपकी उम्र का था. अंतिम संस्करण के पिछले कवर पर प्रातः काल के किसी गाँव की सड़क का चित्र था, वो कुछ ऐसी सड़क थी जिसपे यदि आप रोमांचित (adventurous) हों तो किसी से लिफ्ट माँगना चाहोगे.

और उस चित्र के नीचे लिखा था, “Stay Hungry, Stay Foolish.” यह उनका अंतिम सन्देश (farewell message) था जब उन्होंने signed off किया. “Stay Hungry, Stay Foolish.”और मैंने अपने लिए हमेशा यही माँगा है. और अब जब आप सभी यहाँ से ग्रेजुएट हो रहे हैं तो मैं आपके लिए भी यही wish करता हूँ; 

आप सभी का बहुतबहुत धन्यवाद….