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कम्प्यूटर निबंध-भाषण

कम्प्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi

कम्प्यूटर पर निबंध: हिंदी और अंग्रेजी भाषा के एग्जाम में लेखन भाग में निबंध लेखन का एक सवाल होता है. जिसमें विद्यार्थीयों की लेखन क्षमता को जांचा जाता है. इसलिए, हम यहाँ आपके लिए “कम्प्यूटर पर निबंध” यानि Essay on Computer in Hindi टॉपिक पर एक निबंध लिखना बता रहे हैं.

इस गाइड  में आप जानेंगे कि कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते हैं? साथ में आपको एक सेंपल निबंध भी दिया जाएगा. जिसे आप संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते हैं?

कम्प्यूटर पर निबंध लिखना उतना ही आसान जितना अन्य टॉपिक पर निबंध लिखना. हम यहाँ कुछ ऐसे बिंदु बता रहे हैं जो आपकी निबंध लेखन कौशल को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे.

  • निबंध लिखने से पहले अपना टॉपिक तय कर लें. जैसे आप कम्प्यूटर पर निबंध लिखना चाहते हैं तो कम्प्यूटर से जुड़ा हुआ कोई भी एक टॉपिक चुने या क्योंकि परीक्षा में भी कम्प्यूटर का महत्व पर निबंध, कम्प्यूटर की लाभ-हानी पर निबंध, कम्प्यूटर क्रांति पर निबंध आदि टॉपिक दिए जाते हैं.
  • अब टॉपिक से जुड़ी हुई जानकारी इकट्ठा करें. यह जानकारी आपके लेखन को मजबूत बनाने का कार्य करती है.
  • जुटाई गई जानकारी और अपने अनुभव के आधार पर निबंध टॉपिक की एक रूपरेखा (Essay Outline) तैयार करें. यान इस टॉपिक से संबंधित जितने भी विचार आपके मन में आएं उन्हे कागज या कम्प्यूटर पर उतारते जाएं.
  • इसके बाद इन बिंदुओं को टॉपिक की आवश्यकता के अनुसार क्रम और प्राथमिकता के आधार पर सजाएं. जैसे कुछ टॉपिक को मुख्य बनाएं और कुछ को उप-टॉपिक बनाकर वर्णन करें.
  • अब सिर्फ जो टॉपिक आपने लिखे हैं उन्ही के इर्द-गिर्द लिखना शुरु करें. टॉपिक के अनुसार उसका वर्णन करें. और आपका निबंध तैयार हो जाएगा.

चलिए, अब इस नॉलेज का प्रैक्टिकल कर लेते हैं. नीचे हम एक सेंपल कम्प्यूटर निबंध दे रहे हैं. जिसका उपयोग आप अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते हैं.

कम्प्यूटर पर निबंध प्रस्तावना और उपसंहार सहित – Essay on Computer in Hindi

प्रस्तावना: कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था. इन्हे ही कम्प्यूटर का जनक माना जाता है. दफ्तर से लेकर किराना की दुकान वाले भी कम्प्यूटर के द्वारा अपना काम कर रहे है. स्कूलों में भी कम्प्यूटर का उपयोग कार्यालय तथा कक्षाओं में हो रहा है. बहुत सारे उद्योग धंधे रोबोट्स के रूप में कम्प्यूटर का उपयोग कर रहे हैं.

कम्प्यूटर की विशेषताएं

  • कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक और स्वचालित डिवाइस है. जिसके द्वारा इंसानों से तेज और शुद्ध काम करवाए जा सकते हैं.
  • यह मशीन बिना रुके, बिना थके दिन के 24 घंटों, 7 दिन काम कर सकता है.
  • यह एक ही काम को बिना बोर हुए लगातार समान शुद्धता के साथ पूरा कर सकता है.
  • कम्प्यूटर के बहुक्रियात्मम मशीन होती है. जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार के काम करवाए जा सकते हैं.
  • कम्प्यूटर इंसानों के मुकाबले बहुत तेजी के साथ काम कर सकता है.

कम्प्यूटर का महत्व

  • कम्प्यूटर का घरों में उपयोग आम बात हो गई है. वैसे हमारे देश भारत में अभी भी कम्प्यूटर साक्षरता बहुत ही कम है. फिर सरकारी प्रयासों से इसे बढ़ावा मिलने के कारण ग्रामीण इलाकों तक कम्प्यूटर की पहुँच बढ़ रही है. इसलिए, विद्यार्थी इसका उपयोग पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
  • कम्प्यूटर सिर्फ पढ़ाई या मनोरंजन ही नही बल्कि इसकी इंटरनेट की सुविधा इसे और भी महत्वपूर्ण बना देती है. इंटरनेट से जुड़कर दुनिया के किसी भी हिस्से की खबर घर बैठे-बैठे ही प्राप्त हो जाती है. आप किसी भी दुकान से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं. विभिन्न प्रकार बिल जमा सकते हैं. अपने यार-दोस्तों के साथ गेम खेलने के साथ-साथ उनसे बतिया भी सकते हैं.
  • कम्प्यूटर का बिजनेस और उद्योग धंधों में भी बहुतायत से उपयोग बढ़ रहा है. इसने धीरे-धीरे इंसानों की जगह लेना शुरु कर दिया है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में रोबोट्स बहुत सारा कम इंसानों से बेहतर कर रहे हैं. शुरुआत में इसकी कीमत अधिक होने के कारण पहले इसे बड़े-बड़े बिजने घराने ही इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन, आज एक छोटा सा दफ्तर भी कम्प्यूटर के बिना अधुरा है.

कम्प्यूटर का इतिहास

कम्प्यूटर एक दिन में तैयार होने वाली कोई मशीन नही है. बल्कि यह दसियों सालों में विकसित हुई एक मशीन है. जिसमें ना जाने कितने वैज्ञानिक, इंजिनियर और आम इंसानों से अपना योगदान दिया है.

कम्प्यूटर की शुरुआत ईसा पूर्व ही मानी जा सकती है. क्योंकि इस समय चीनी अबेकस का आविष्कार कर चुके थे. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वाचालित (ऑटोमेटिक) डिवाइस अस्तित्व में आए. और चार्ल्स बैबेज द्वारा तैयार स्वचालित इंजन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसके बाद कम्प्यूटर को पर लग गए और इसने तेजी के साथ उड़ान भरी. जिसे संक्षिप्त में नीचे बताया गया है:

  • अबेकस दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसे चीनियों ने 2500 वर्ष पहले ही विकसित कर लिया था.
  • फिर “Napier’s Bones” नाम का डिवाइस आया जो सामान्य गणितीय क्रियाएं जैसे जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग करने में सक्षम था.
  • इसके बाद फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने 1642 में पहला व्यवहारिक यांत्रिक कैलकुलेटर बना डाला.
  • 1804 में फ्रेंच बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया जिसे ‘Jacquard Loom’ के नाम से जाना जाता है. इस हथकरघे को पहला “सूचना-संसाधित” डिवाइस माना जाता है.
  • 1822 में आधुनिक कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज ने “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वाचालित यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे “Difference Engine” नाम दिया गया.
  • इसके एक दशक बाद 1833 में एक नए और उन्नत इंजन “Analytical Engine” विकसित किया. यही इंजन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसी कारण चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है.
  • इस इंजन के बाद आधुनिक कम्प्यूटर का रूप हमारे सामने आया जिसे हम हाथ में भी समा सकते हैं. इस रूप के विकास को पांच पीढ़ीयों में बांटा गया है.
  • प्रथम पीढ़ी का समय 1940-1956, दूसरी पीढ़ी 1956-1963, तीसरी पीढ़ी 196401971, चौथी पीढ़ी 1971 से वर्तमान और पांचवी पीढ़ी वर्तमान से भविष्य मानी गई है.

काम्प्यूटर का लाभ

  • तेज गति से कार्य: कम्प्यूटर की कार्य करने की गति हम इंसानों से बहुत ही तेजी है. यह कुछ ही सेकण्ड में अपना कार्य निपटा सकता है.
  • भंड़ारण क्षमता: कम्प्यूटर अपने काम और डाटा को बहुत लंबे समय तक स्टोर करके रख सकता है. जिसे इंसान अपनी सुविधानुसार कभी भी एक्सेस कर लेता है. क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से यह कार्य और भी सहज हो गया है.
  • परिश्रमी और भरोसेमंद: कम्प्यूटर बिना थके कई घंटों, दिनों लगातार काम कर सकता है. चुंकि यह एक मशीन है इसलिए इसकी जीवन अवधी के बारे में इंसान सटीक अनुमान लगा पाते हैं. जो भरोसा बढ़ाती है.
  • आटॉमेशन: कम्प्यूटर आवश्यक निर्देश लेने के बाद अपना कार्य स्वयं करता है. फिर इसे इंसान की जरूरत नही रहती है. ऑटोमोबाइल सेक्टर, चिप निर्माण आदि क्षेत्रों में रोबोट्स ने अपना हुनर मनवा लिया है.

कम्प्यूटर की हानि

मानवता निर्भरता: आटॉमेशन इसका एक लाभ वहीं इसे क्या काम करना है उसके लिए इंसानों पर निर्भर रहना पड़ता है. सिर्फ कार्य को प्रोसेस करने तक यह इंसानी दखलांदजी से दूर रह सकता है.

भावनाओं और बुद्धि का अभाव: कम्प्यूटर के इमोशनलेस मशीन है. इसमे अपनी कोई बुद्धी या समझ नही होती है. यह सिर्फ पहले से दिए गए निर्देशों तथा फंक्शन के आधार पर डाटा प्रोसेस कर सकता है. मगर, आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कुछ हद तक इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया है.

उपसंहार: कम्प्यूटर ने हम इंसानों का जीवन बहुत ही आसान बना दिया है. जिसकी बदौलत आज इंसान पृथ्वी ही बल्कि अंतरिक्ष तक अपने पैर पसार चुका है. इसने जटिल से जटिल काम को इंसानों की पहुँच में ला दिया है. और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक इसे और भी एडवांस तथा बुद्धि और समझ पैदा करके एक नए अवतार में सामने ला रही है.